कलयुगी बेटे को आजीवन करावास की सजा

अपर सत्र न्यायालय ने कलयुगी बेटे को आजीवन करावास की सजा सुनाई है सहायक लोक अभियोजन अधिकारी श्रीमती उज्जवला उइके ने बताया कि 2/5/20 को आरोपी बसंत व्दारा मां की गर्दन में कुल्हाड़ी से वार कर करने की जानकारी मिलने पर मृतिका के पति तिवारी और उसका दूसरा बेटा खेत से घर की ओर आ रहे थे तभी रास्ते में आरोपी मिला और अपने पिता और भाई को भी मारने की कोशिश की ,जिसके बाद खुद को बचाते हुए दोनों दूसरे रास्ते से घर पहुंचे तब प्रार्थी तिवारी उरेती ने अपनी पत्नी का शव घर के आंगन में पड़ी देखी जिसके गर्दन में कटने का निशान था तभी बसंत पीछा करते हुए वहां भी उन्हें मारने आ गया तभी गांव वाले वंहा आ गए और आरोपी अपने घर चले गया तिवारी उरेती व्दारा घटना की जानकारी थाने में दी गई जिसके विवेचना कर चलान न्यायालय में पेश किया गया और आज अपर सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार लड़िया ने धारा 302 भादवि में बसंत उरेती को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है और पांच सौ रुपए का अर्थ दंड भी लगाया है

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