इंसानी बस्ती में पहुंचा बाघ हुआ रेस्क्यू

मध्यप्रदेश के सबसे बड़े राष्ट्रीय उद्यान कान्हा नेशनल पार्क के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र से लगे आबादी बस्ती में मंगलवार को बाघ को देखकर लोग सकपका गए कुछ ही देर में पूरे गांव में बाघ के आने की खबर फैल गई जिसके बाद ग्रामीणों ने स्थानीय परिक्षेत्र अधिकारी को सूचना दिया।

घायल बाघ घुसा रहवासी क्षेत्र में

मंगलवार की सुबह मंडला जिले के सिझौरा वन क्षेत्र के सिझौरा रैयत गांव के लोगों की सुबह दहशत से शुरू हुई जब ग्रामीणों को यह जानकारी लगी कि गांव में एक बाघ घुस गया है। लोग घरों के छतों पर खड़े होकर बाघ को देखते रहे जानकारी के अनुसार गांव में बाघ होने की सूचना ग्रामीणों ने परिक्षेत्र अधिकारी, सिझौरा को फोन पर दी। परिक्षेत्र अधिकारी, सिझौरा तत्काल मौके पर पहुंचकर कान्हा टाइगर रिजर्व के वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी

जिसके बाद घटना स्थल पर क्षेत्र संचालक कान्हा टाईगर रिजर्व एवं रेस्क्यू दल पहुँचकर बाघ का अवलोकन किया । बाघ की पहचान कान्हा टाइगर रिजर्व के टी 67 के रूप में चिन्हित किया गया। जिसकी उम्र लगभग 12 से 13 वर्ष है। कान्हा नेशनल पार्क के अधिकारी ने बताया कि बाघ के पैर में चोट होने के कारण वह काफी कमजोर हो गया था

ग्रामीणों की भीड़ के कारण वह निकटवर्ती जंगल की ओर जाने का प्रयास कर रहा था किन्तु व्यवधान होने से घर की बाड़ी के समीप बैठ गया। क्षेत्र संचालक श्री एस.के. सिंह, भा.व.से. द्वारा बाघ की स्थिति के बारे में मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक एवं प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्यप्राणी, मध्य प्रदेश, भोपाल को फोन पर सूचना दी जाकर घायल बाघ के रेस्क्यू हेतु अनुमति प्राप्त की गई।

बाघ को बेहोश करने के बाद निरीक्षण में पाया गया कि बाघ के चारों केनाइन दांत टूटे हुए पाए गए एवं उसके पैरों में गहरी चोट लगी हुई थी। बाघ की कमजोरी को देखते हुये ऐसा प्रतीत होता है कि निकट भूत में शिकार नहीं कर पाया होगा, जिसके कारण वह कमजोर हो गया था। घायल बाघ का अग्रिम परीक्षण एवं स्वास्थ्य उपचार हेतु कान्हा टाइगर रिजर्व के मुक्की स्थित क्वॉरेंटाइन सेंटर ले जाया गया जहां पर आगामी तीन से चार दिन में उसके स्वास्थ्य पर विशेष रूप से ध्यान रखा जाएगा

Leave a Comment

error: Content is protected !!