मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना:

मध्यप्रदेश सरकार ने युवाओं के लिए मुख्यमंत्री सीखो और कमाओ योजना शुरू कर दिया है योजना के तहत युवाओं को विभिन्न विधाओं में प्रशिक्षण दिया जाएगा 22 मई से 6 जून 2023 तक पुणे, बैंगलौर तथा 1 से 14 जून 2023 तक होगी संभागीय कार्यशालाएं, 15 जून से युवाओं के पंजीयन होंगे और 1 अगस्त से प्रशिक्षण प्रारंभ, होगी।

एक लाख युवाओं को प्रतिष्ठानों में प्रशिक्षण

तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग द्वारा प्रस्तावित नवीन योजना “मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना” के अंतर्गत, कम से कम एक लाख युवाओं को प्रतिष्ठानों में प्रशिक्षण कराने के उद्देश्य से एक हजार करोड़ की राशि की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस योजना अंतर्गत 18-29 वर्ष के युवा जो मध्यप्रदेश के स्थानीय निवासी हैं तथा जिनकी शैक्षणिक योग्यता 12वीं अथवा आईटीआई या उच्च है, वे पात्र होंगे।

प्रशिक्षण के दौरान युवाओं को 8-10 हजार रुपये प्रतिमाह स्टाइपेण्ड प्राप्त होगा। स्टाइपेण्ड का 75 प्रतिशत राज्य शासन द्वारा डीबीटी के माध्यम से भुगतान किया जाएगा। प्रशिक्षण उपरांत मध्यप्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड (एमपीएसएसडीईजीबी) द्वारा स्टेट काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग (एससीवीटी) का प्रमाण-पत्र दिया जाएगा।

कौन होंगे पात्र

मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना में 18 से लेकर 29 वर्ष तक के मध्यप्रदेश के निवासी युवा भाग ले सकेंगे। इस योजना में 12वी या आईटीआई पास अथवा उच्च शिक्षित युवा भी लाभान्वित हो सकेंगे। योजना के अंतर्गत ट्रेनिंग के दौरान 5वीं से 12वी उत्तीर्ण युवाओं को 8 हजार रूपए, आईटीआई पास को 8500, डिप्लोमा धारी को 9 हजार रूपए और स्नातक अथवा उच्च शिक्षित युवाओं को 10 हजार रुपये स्टाइपेंड के रूप में प्रतिमाह प्रतिमाह दिया जाएगा।

योजना के माध्यम से इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, मैकेनिकल, सिविल, मैनेजमेंट एवं मार्केटिंग क्षेत्र, सेवा क्षेत्र, होटल मैनेजमेंट, टूरिज्म और ट्रैवल अस्पताल, रेलवे, आईटी और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट क्षेत्र, उद्योग-उन्मुख प्रशिक्षण आदि। ऐसे क्षेत्र जिनमें प्रशिक्षण उपरांत छात्र- प्रशिक्षणार्थी गिग इकोनोमी एवं ब्लू कॉलर जॉब्स हेतु उपयुक्त होंगे।

प्रत्येक माह निर्धारित स्टाइपेण्ड का 75 प्रतिशत राज्य शासन की ओर से छात्र-प्रशिक्षणार्थी को डीबीटी के माध्यम से भुगतान किया जाएगा। प्रतिष्ठान को निर्धारित न्यूनतम स्टाइपेण्ड की 25 प्रतिशत राशि छात्र-प्रशिक्षणार्थी के बैंक खाते में जमा करना होगा। प्रतिष्ठान निर्धारित राशि से अधिक स्टाइपेण्ड देने के लिए स्वतंत्र होगा।

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