कार्डियक अरेस्ट से 12 वर्षीय बच्चे की मौत

मेडिकल टीम अचरज में परिवार के मेडिकल हिस्ट्री की जांच होगी

मध्यप्रदेश के भिंड में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसको लेकर मेडिकल प्रशासन में हडकंप मचा हुआ है मामला बारह वर्ष के बच्चे की दिल का दौरा कार्डियक अरेस्ट पडने से मौत हो जाना है कोरोना के बाद अभी तक कई रिपोर्ट सामने आइ है डा की टीम भी इसे लेकर अलग अलग कारण बता रही है क्या बच्चा पहले कोरोना से पीडित हुआ था या किसी अन्य बीमारी से ग्रसित था इसके कयास लगाए जा रहे है
भिंड के स्कूल में चौथी पढने वाला बच्चा मनीष जाटव बारह वर्षीय छुट्टी होने के बाद घर जाने के लिए बस में चढता है अपनी सीट में बैठते ही वह बेहोश हो जाता है बस चालक ने तुरंत स्कूल प्रबंधन को सूचना दी स्कूल प्राचार्य ने अपने स्टाप के मदद से पहले बच्चे को बेहोशी से उठाने की कोशिश करते है बच्चा जब होश में नही आया तो उसके पिता को बुलाया गया और साथ में बच्चे को लेकर जिला अस्पताल में पंहुचते है जंहा पर जांच के बाद डॉ मनीष को मृत घोषित कर देते है बच्चे को सीपीआर देकर रिकवर करने की कोशिश की गई लेकिन कोई फायदा नही हुआ

अस्पताल के सिविल सर्जन अनिल गोयल ने बताया कि बच्चे की मौत अस्पताल आने से पहले ही हो चुकी थी ये सडन डेथ का मामला है जो ज्यादातर कार्डियक अरेस्ट की वजह से होता है स्कूल प्रबंधन ने जो लक्षण बताया है वो कार्डियक अरेस्ट के लक्षण है इसलिए संभावना है बच्चे की जान हार्ट आटेक से हुई हो डाक्टर अनिल का कहना है कोरोना के बाद से स्टडी में आया है कि कोरोना पीडित को बायोपैथी जिसे मसल्स समास्या भी कहा जाता है इसकी भी वजह हो सकती है

मेडिकल टीम बच्चे के परिवार के मेडिकल हिस्टी की जांच करने की बात कर रही है बच्चे का पोष्टमार्टम तो नही कराया है लेकिन इतने कम उम्र के बच्चे का आटेक से मौत को लेकर डॉ चिंतित है इसलिए एक टीम परिवार के मेडिकल की जांच करेगी

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