मध्यप्रदेश में शीतकालीन विधानसभा सत्र के संबोधन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि सरकार बनानी होती तो मैं इस्तीफा नहीं देता मैं स्वास्थ्य लोकतंत्र को मानता हूं कमलनाथ की सरकार ने प्रदेश में भृष्टाचार को लोकव्यापी बना दिया था पहले कभी मध्यप्रदेश में एसा नहीं हुआ था दरअसल कांग्रेस के व्दारा लगातार सरकार गिराने के आरोप पर शिवराज पलटवार कर रहे थे अपने संबोधन में कोरोना पर कहा कि सभी कलेक्टरों और स्वास्थ्य विभाग प्रमुखों को सावधानी से संबंधित पत्र भेज दिया गया है
विधानसभा सत्र शुरू होते ही वार पलटवार का सिलसिला शुरू हो गया है गुरूवार को शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि कमलनाथ सरकार में पोस्टिंग में जो देखा गया वैसा किसी ने कभी नहीं देखा था मैं नहीं कहता कि भृष्टाचार नहीं है पर कभी कलेक्टर और एसपी के पोस्टिंग में राशी वशूली नहीं गई मेरे से पहले भी दिग्विजय सिंह की सरकार थी तब भी ऐसा नहीं हुआ था लेकिन कमलनाथ के समय महज 165 दिन में 450 से अधिक बार कलेक्टर और एसपी की पोस्टिंग हुई जो जितना बोली लगाता उसकी पोस्टिग हो जाती जबकि 1500 से अधिक दूसरे तबादले किए गए सरकार गिराने के आरोप में कहा कि सच यह है मेरी कोई मंशा नहीं थी रात दो बजे तक आंकड़े देखता रहा फिर विचार किया कि इस्तीफा देना है जबकि कई सदस्यों ने कहा था कि इस्तीफा नहीं देना है अगर मन में जोड़ तोड़ करने का विचार होता तो इस्तीफा ही नहीं देता
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