मुनगा: किस्मत बदल सकती है ?

मुनगा जिसका वानस्पतिक नाम मोनिंगा ओलिफेरा है जो अपने अंदर कई तरह के मिनिरल्स को रखता है आज के समय में कौन सौच सकता है कि इसको मुनाफे का धंधा बन सकता है बाजार में इसकी पत्तियों से बने पाउडर की जबरदस्त मांग है इसकी अधिकतम उपज और मेहनत से अच्छा खासा व्यवसाय बन सकता है बंजर पड़ी जमीन में भी यह आराम से यह विकास कर जाता है।

मुनगा की फसल लाभकारी : सहजन की जबरदस्त मांग

मुनगा को मेडिसिनल प्लांट भी कहा जाता है अलग अलग क्षेत्रों में इसे मुनगा ,मोरिंगा ,सुरजना,,सेंजन,और ड्रमस्टिक भी कहते हैं पूरी दुनिया में सुपरफूड भी माना जाता है जिसमें विटामिन्स, मिनरल्स भरपूर होता है इसे लाभ का धंधा भी बना सकते हैं बेहद कम लागत में सूखी पड़ी जमीन पर उगाया जा सकता है 27 से 35 डिग्री तक के अनुकूलित वातावरण में यह हरा भरा रहता है

बेहतर व्यवसायिक खेती के लिए बुलई दोमट मिट्टी अच्छी होती है बेहद तेजी से विकास करने वाले यह पेड़ कई लाभकारी दवा में भी काम आता है जिसके कारण ही बाजार में इसकी मांग हमेशा बनी रहती है एक हेक्टेयर में मुनगा के तीन सो से पांच हो पेड लगा सकते हैं एक मौसम में प्रति पेड़ कम से कम सौ फल्लीयां हो जाती है इस हिसाब से एक हेक्टेयर में 1500 से 2000 किलो मुनगा का उत्पादन अस्सी से एक लाख रुपए तक का फायदा दे सकता है।

मुनगा की पत्तियां होती है फायदेमंद

दरअसल मुनगा में भरपूर मल्टीविटामिन सप्लीमेंट तो होता ही है इसकी पत्तियों के प्रयोग से कोलस्ट्रॉल,बीपी और ब्लड शुगर को काबू में किया जाता है विटामिन बी ,सी आयरन, मैग्नीशियम की मात्रा भरपूर होती है यही वजह है इसकी पत्तियों को सुखाकर पाउडर बना इस्तेमाल किया जाता है यह लोगों के लिए अच्छी सप्लीमेंट का काम करता है इसकी पत्तियां बाजार में सत्तर से अस्सी रूपये तक बिकती है।

मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में एक महिला स्वसहायता समूह ने इतिहास रचा है यहां पर चालीस ग्राम पंचायतों में मुनगा की फसल उगाई जा रही है सूखी पड़ी जमीनों पर अभिनव प्रयोग ने लोगों की किस्मत बदल दी है। मंडला जिले के कई क्षेत्रों में पानी की कमी से लोग खेती नहीं कर पा रहे हैं बंजर पड़ी जमीनों पर प्रशासन की थोड़ी सी मेहनत से जिले के लोगों की किस्मत बदली जा सकती है

आदित्य पाण्डेय

Leave a Comment

error: Content is protected !!