मांझी समाज का हल्लाबोल, दो बिंदुओं को लेकर सरकार पर हमला, सौंपा ज्ञापन

मध्यप्रदेश मांझी जनजाति संयुक्त संघर्ष समिति निवास ने गुरुवार को तहसील कार्यालय का घेराव कर ज्ञापन सौंप कर मांग की है कि मप्र में मांझी समाज को पिछडावर्ग अनुसूची के क्रमांक 12 से हटाकर 29 में शामिल करने एवं हाल में ही लागू हुए पेसा एक्ट में संशोधन करने की मांग की गई है मांझी समाज के सैकड़ों लोगों ने राधाकृष्ण मंदिर से लेकर तहसील तक पैदल मार्च कर जमकर नारेबाजी की मांझी समाज के ब्लाक अध्यक्ष विजय बर्मन ने बताया कि मप्र सरकार समय समय पर धीवर ,कहार ,भोई,केवट मल्लाह,निशाद ,कश्यप रायकवार,बाथम ,सिंगरहा को जनजाति का अधिकार देने का आश्वासन दिया जाता रहा है लेकिन अभी तक नहीं दिया गया है हम लगातार मांग कर रहे हैं कि एक ही समाज को सरकार दो हिस्सों में न बांटे और सभी को विलोपित करे
ज्ञापन में कहा गया है कि वर्ष 03 और 2018 में बृतिया,वृतियां सिंगरहा जालारी ,सोंधिया जातियों को पिछड़ा वर्ग से विलोपित करने का निर्णय लिया था लेकिन अब तक निर्णय नहीं लिया जा सका है 2018 में पूर्व मंत्री और पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष ने मिलकर नोटशीट पर भी अनुशंसा कर दिया था वहीं पेसा एक्ट में पैतृक व्यवसाय को प्राथमिकता निर्धारित है जो कि मछुआ समुदाय के लिए एक मात्र विकल्प पर कुठाराघात है इस एक्ट में संशोधन कर 08 के अनुसार जनजातीय समुदाय के वंशानुगत को जल ,कृषि कार्य, मछुआ नाविक समितियों को प्राथमिकता देने की मांग की गई है मांझी समाज ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि हमारी मांगों को प्राथमिकता से सुना जाए नहीं तो हम उग्र प्रदर्शन के लिए मजबूर होंगे

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