बढ़ते तापमान को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों के लिए लूं से बचने के लिए एडवाइजरी जारी की है हर साल प्रदेश में बड़ी तादाद में लू से लोगों की जान जाती है मौसम विभाग की मानें तो आने वाले दिनों में तापमान में बढ़ोतरी होगी जिन क्षेत्रों में तापमान कम भी रहता है वहां भी समान्य से अधिक तापमान रह सकता है ऐसे में गर्म हवाओं के चलते लूं लगने की संभावना बढ़ जाती है।
स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी किया
मध्यप्रदेश सहित आदिवासी जिला मंडला में भी तापमान में बढ़ोतरी हुई है मार्च माह में रूक रूक कर बारिश होने से लोगों को गर्मी से राहत मिली थी वही अप्रैल माह में आधा पखवाड़ा बीतने को है और गर्मी बढ़ती जा रही है बढ़ते तापमान को देखते हुए नागरिकों के लिए स्वास्थ्य विभाग ने सलाह दी है कि लू से अपने आप को बचाए।शुष्क वातावरण में लू, तापघात की संभावना जानलेवा भी हो सकती है।गर्म लाल और सूखी त्वचा, शरीर का तापमान 40 सेल्सियस या 104 फेरेंनाइट, मितली या उल्टी आना। बहुत तेज सिर दर्द। मांसपेशियों में कमजोरी या ऐंठन। सांस फूलना या दिल की धड़कन तेज हो जाना। घबराहट होना, चक्कर आना, बेहोशी और हल्का सिरदर्द जैसे कई लक्षण है जिन्हें पहचान कर तुंरत इलाज कराने की सलाह दी गई है।
लू से ऐसे करें बचाव
लू से बचाव के लिए बाहर जाते समय हमेशा सफेद या हल्के रंग के ढीले सूती वस्त्रों का प्रयोग करें, भोजन करके एवं पानी पीकर ही बाहर निकलें। गर्दन के पिछले भाग, कान व सिर को गमछे या तौलिये से ढ़क्कर ही धूप में निकलें, रंगीन चश्मे व छतरी का प्रयोग करें। हमेशा पानी अधिक मात्रा में पीयें एवं पेय पदार्थों का अधिक से अधिक मात्रा में सेवन करें, बाहर जाते समय अपने साथ पानी रखें। बच्चों का विशेष ध्यान रखें, बच्चों को सिखायें कि जब भी उन्हें अधिक गर्मी महसूस हो तो वे तुरंत घर के अंदर आयें, मौसमी फल का सेवन करें। बिना भोजन किए बाहर ना निकलें। जहां तक संभव हो, ज्यादा समय तक धूप में खड़े होकर व्यायाम, मेहनत, अन्य कार्य न करें, बहुत अधिक भीड़, गर्म घुटन भरे कमरों में न जायें, यात्रा अतिआवश्यक होने पर ही करें। गर्भवती माता, बच्चों एवं बुजुर्गाें को दिन के सबसे गर्म समय जैसे- दोपहर 12 से 4 बजे तक घर के बाहर की गतिविधियों में शामिल न होने दें। चाय, कॉफी अत्यधिक मीठे पदार्थ व गैस वाले पेय पदार्थों का सेवन न करें।
लू लगने पर क्या करें
रोगी को तुरंत छायादार जगह पर कपड़े ढ़ीले कर लिटा दें एवं हवा करें। रोगी के बेहोश होने की स्थिति में कोई भी भोज्य, पेय पदार्थ ना दें एवं तत्काल चिकित्सा सहायता प्राप्त करें। रोगी के होश में आने की दशा में उसे ठंडे पेय पदार्थ जीवन रक्षक घोल, कच्चा आम का शर्बत (पना) आदि दें। रोगी के शरीर का ताप कम करने के लिए संभव हो तो उसे ठंडे पानी से स्नान करायें या उसके शरीर पर ठंडे पानी की पट्टियां रखकर पूरे शरीर को ढक दें, इस प्रक्रिया को तब तक दोहरायें जब तक कि शरीर का ताप कम नहीं हो जाता।
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