भारत में महिला शिक्षा की शुरुआत करने वाली पहली महिला अध्यापिका सावित्रीबाई फुले की जयंती पर सोसल मीडिया में बधाई संदेश की बाढ है चाहे नेता हो या सरकार के नुमाइंदे लेकिन क्या उनकी दी हुई विरासत को बचाने में सफल हुए हैं यह बडा सवाल है भारत की महान महिला अध्यापिका सावित्रीबाई फुले ने ज्योतिबाफुले के साथ मिलकर कंहा और कितने स्कूल खोले थे
वो भी तब जब समाज के हर वर्ग में महिला शिक्षा को पाप की तरह देखा जाता था कुछ रिसर्च से पता चलता कि स्कूल जाते वक्त दो साड़ी साथ में ले जाती थी क्योंकि रास्ते में कीचड़ और गोबर की छींटे मारा करते थे यूं तो इस देश में महिलाएं साल भर सैकड़ों उपवास रहती है उन्हें एक उपवास सावित्रीबाई के लिए जरूर रहना चाहिए ऐसा लिखकर हम किसी का माखोल या धार्मिक अपमान नहीं कर रहे बल्कि यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि सावित्रीबाई की मेहनत के कारण ही आज इस देश में कंधे से कंधे मिलाकर महिलाओं ने नएआयाम स्थापित कर दिए हैं
महज 17 वर्ष की उम्र में पुणे के महारवाड़ा में सावित्रीबाई फुले ने सगुन बाई के साथ मिलकर लड़कियों को शिक्षा देना शुरू किया भारत की पहली क्रांति के नौ साल और आज से लगभग 174 साल पहले एक जनवरी 1848 को भिडेवाडा में तात्या साहिब भिड़े की मदद से देश का पहला लड़कियों का स्कूल खोला गया जो सभी के लिए था जिसे भारतीय चला रहे थे आने वाले चार वर्षों के अंदर ऐसे स्कूलों की संख्या बढ़ कर 18 हो गई थी
इन स्कूलों के लिए बाकायदा एक समिति बनाई गई थी सावित्रीबाई सकुना बाई फातिमा शेख जैसी महान महिला शिक्षिकाओं ने इस देश के लिए एक नया रास्ता बनाया रेलवे स्टेशनों से लेकर एयरपोर्ट तक नाम बदलने की होड़ के बीच कुछ तस्वीरें को देखकर आप समझ जाएंगे कि हम इस शानदार विरासत को सहेजने में असफल हुए हैं जिस स्कूल में लड़कियों को शिक्षा देने की शुरुआत हुई वह आज खण्डर बन चुका है सर्च करने में आप पाएंगे कि इस स्कूल को पुनः बनवाने के लिए दर्जनों बयान है पर अब तक कुछ ऐसा हो नहीं सका है कि हम कह सके कि हां हमने अपने महान शिक्षकों की इस इतिहास को बचाया है नेता न सही पर इस देश की सफल महिलाओं को आगे आकर इस इतिहासिक स्थल का पुनर्निर्माण जरूर करना चाहिए
सावित्रीबाई फुले और ज्योतिबाफुले व्दारा बनवाया स्कूल
Aditya Kinkar Pandey is a Since completing his formal education in journalism in 2008, he has built for delivering in-depth and accurate news coverage. With a passion for uncovering the truth, Aditya has become bring clarity and insight to complex stories. work continues to investigative journalism.