मध्यप्रदेश के आदिवासी जिला मंडला में पलायन का दर्द देखने को मिला यहां पर काम से घर लौट रहे लोग बीते 72 घंटों से एक बस में फंसे हुए है बस में छोटे छोटे बच्चे और महिलाएं भी हैं जिनकी संख्या लगभग 120 के करीब है सभी लोग गुजरात से उडीसा जा रहे थे जिनकी अचानक बस खराब हो गई गनीमत रही कि आसपास के गांवों के लोगों को जैसे ही जानकारी लगी वे मदद के लिए पहुच गए।
दरअसल उड़िया से बड़ी तादाद में लोग गुजरात काम करने जाते हैं बस में सवार लोग भी गुजरात में मौजूद अलग कंपनियों में काम करते हैं होली त्योहार के पहले एक मार्च को गुजरात से उड़ीसा के लिए बस से निकले थे दो मार्च की रात को अचानक बस निवास तहसील हाथीथारा और गुदलई गांव के बीच में खराब हो गई और बस में सवार 130 लोग जिसमें पुरुष महिलाएं और छोटे-छोटे बच्चे हैं वह फंस गए बस में मौजूद स्टाफ रात में ही बस को बनाने में जुटा रहा लेकिन जब नहीं सुधार सकते तो एक व्यक्ति सुबह जबलपुर गया वहां पर भी पार्ट नहीं मिलने के चलते उसे इंदौर जाना पड़ा
बस में मौजूद बाबू लाल ने बताया कि वे और सभी लोग गुजरात के मौरबी में एक टाइल्स बनाने वाली कंपनी में काम करते हैं उड़िसा से गुजरात के बीच कुछ बसें लगातार चलती है जिसमें उड़िसा से काम करने वाले आते जाते हैं ये बसें काम दिलाने वाले ठेकेदार ही चलवाते है और ट्रेनों में सीट की समस्या होती है इसलिए लौट रही बस में सवार हुए बस का किराया पंद्रह सौ से तीन हजार प्रति व्यक्ति लिया गया था बस खराब होने के बाद रात तो काट लिए पर सुबह अनजान जगह में कुछ समझ नहीं आ रहा था हम मे से अधिकतर लोग उड़िया बोलते हैं एक दो लोगों को हिंदी आती है जैसे तैसे गांव पहुंच कर कुछ समान लिया पूरे दिन भूखे रहे हमारे साथ बच्चे और महिलाएं हैं
उन्हें रात में बस अंदर सुला देते हैं और हम लोग बाहर खुले में सौ रहे हैं बस के मालिक और स्टाप के लोग तीन दिन बस जल्द सुधरने का आश्वासन दे रहे हैं वहीं एक महिला चिंटू शर्मा ने बताया कि अगर दो गांवों के लोगों ने हमारी मदद न की होती तो हम लोगों की स्थिति बेहद खराब हो जाती है दोनों गांव के लोगों ने खाना नास्ता पीने का पानी भी पहुंचाया है सुबह बर्तन और अनाज पहुंचाया उससे ही सड़क किनारे खाना पकाया है कुछ महिलाएं अकेले हैं उनके पास पैसे भी नहीं है निवास थाना प्रभारी ने आकर बात की थी तब बस के स्टाप ने आज खाने की व्यवस्था कराई है खबर लिखे जाने तक बस का चालक इंदौर से समान लेकर वापिस आगया है जबलपुर से मिस्त्री भी पहुंच गए हैं
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