Kodo Millet: गरीबों का चावल एक Superfood कैसे बन गया

कभी गरीबों का चावल कहे जाने वाला Kodo millet की चर्चा सोसल मीडिया में क्यों है दरअसल बीते पखवाड़े में कोदो बाजरा की चर्चा बांधवगढ़ में हाथियों के मौत से बढ़ गई है कि क्या इस सुपर फुड में जहर होता है कभी चावल पैदा न कर सकने वाले छोटे किसान और आर्थिक रूप से कमजोर लोग अपने कम पानी वाले खेतों में kodo millet (कोदो) की फसल पैदा करते थे

यही उनका मुख्य आहार भी होता था सेहत के लिए बेहद गुणकारी होने और अपने अंदर तमाम खूबियों के कारण आज यह millet लोगों में बेहद डिमांड वाला बन चुका है प्रधानमंत्री भी कई बार मिलेट के फायदे अपने भाषण में बता चुके हैं आज भारत में ही नहीं बल्कि इसकी मांग दुनिया भर में हो रही है मिलेट कई तरह के होते हैं जिसमें ज्वार ,बाजरा, रागी और kodo (कोदो) शामिल हैं।

भारत में कोदो उत्पादन का इतिहास पुराना है। भारत के अलावा पाकिस्तान फिलीपींस वियतनाम इंडोनेशिया और दक्षिण अफ्रीका में भी इसे उगाया जाता है भारत में आज यह मध्यप्रदेश में सबसे अधिक पैदा होता है इसके अलावा छत्तीसगढ़, गुजरात कर्नाटक जैसे राज्यों में भी इसकी खेती होती है इसका पौधा छः से नब्बे सेंटीमीटर तक ऊंचा होता है।

Kodo Millet में नशा या जहर कैसे आता है?

कोदो मिलेट (Kodo Millet) एक पोषक तत्वों से भरपूर अनाज है, लेकिन अगर इसे सही तरीके से प्रोसेस न किया जाए, तो इसमें एक प्रकार का प्राकृतिक जहर (toxins) होता है, जिसे Harmful Alkaloids कहा जाता है। यह कंपाउंड मिलेट के कच्चे दानों में पाया जाता है और इंसान के लिए नुकसानकारी हो सकता है।इसमें पाए जाने वाले टैनिन (Tannins) और फाइटिक एसिड (Phytic acid) जैसे तत्व शरीर में पोषक तत्वों के अवशोषण को बाधित कर सकते हैं, और अधिक मात्रा में सेवन करने से पेट में असहजता और विषाक्तता बढ़ सकती है


स्वास्थ्य जागरूकता में वृद्धि और gluten-free आहार के प्रचार के कारण। वैश्विक स्तर पर, यह फसल एक सुपरफूड के रूप में पहचान हासिल कर रही है क्योंकि यह उच्च प्रोटीन, फाइबर, और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स (vitamins and minerals) का स्रोत है। भारत में कोदो मिलेट की बढ़ती डिमांड के अलावा, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी इसका उपयोग बढ़ रहा है।

Millet: गरीबों का चावल एक Superfood कैसे बन गया

kodo: स्वास्थ्य में लाभकारी

मधुमेह (Diabetes): कोदो मिलेट में लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जो रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में सहायक है। इससे मधुमेह के मरीजों के लिए इसे अच्छा माना जाता है।

वजन कम करना (Weight Loss): कोदो मिलेट में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो पेट को लंबे समय तक भरा हुआ रखता है और भूख कम करता है। इससे वजन घटाने में सहायता मिलती है।

हृदय रोग (Heart Diseases): कोदो मिलेट में एंटीऑक्सीडेंट्स, पोटेशियम और मैग्नीशियम होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में सहायक हैं। इससे हृदय रोगों के खतरे को कम किया जा सकता है

पाचन समस्याएं (Digestive Problems): कोदो मिलेट में उच्च मात्रा में फाइबर होता है, जो पाचन तंत्र को सुधारता है और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है।

हड्डियों की मजबूती (Bone Health): इसमें कैल्शियम और फास्फोरस होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं को कम करने में सहायक हैं।

प्रतिरोधक क्षमता (Immunity Boost): कोदो मिलेट में विटामिन बी, एंटीऑक्सीडेंट्स और अन्य पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।

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