श्रीरामनवमी पर भाव खेलने की परंपरा

क्या आपको पता है कि शारदीय नवरात्रि में दुर्गा प्रतिमा रखा जाता है तो चैत्र माह की नवरात्रि में ज्वारे रखें जाते है ३० मार्च को रामनवमी है ऐसे में रामनवमी को लेकर दुर्गा मंदिरों में खास पूजन के साथ रामनवमी की तैयारी शुरू हो गई है बात करें मध्यप्रदेश की तो यहां के शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में नवरात्रि के पहले दिन कलश में जवारे बोया जाता है जिसे नौ दिन तक दुर्गा मंदिर में रखा जाता है

श्रीरामनवमी पर भाव खेलने की परंपरा : रामनवमी 2023

बाकायदा नौ दिन तक ज्वारे की पूजा की जाती है रामनवमी के दिन इन्हें विसर्जित किया जाता है शारदीय नवरात्र में ज़हां दुर्गा प्रतिमा स्थापित की जाती है तो चैत्र नवरात्र में प्रतिमा के स्थान पर ज्वारे स्थापित किये जाने की परंपरा है नवरात्र में प्रति दिन अलग अलग नववैद्यय चढ़ाने की परंपरा रही है मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में तो नवरात्रि में खाने में प्याज लहसुन तक का इस्तेमाल नहीं किया जाता है पुरुष नौ दिन बाद और दाढ़ी नहीं बनवाते हैं

जवारे और भाव रामनवमी

मध्यप्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में पहले बाना प्रथा और भाव खेलने की परंपरा रही है लेकिन समय के साथ बाना छिदवाना यंहा से गायब हो गया है सिर्फ भाव खेला जाता है दरअसल रामनवमी में ज्वारे विसर्जन के समय बाना को दोनों गालों पर छेदा जाता था वहीं महिलाए सिर पर ज्वारे रख कर भाव खेलती थी माना जाता था कि मां दुर्गा इन पर सवार हुई है अब बदलते परिवेश में शहरों से भाव और ग्रामीण क्षेत्रों में बाना छेदना गायब हो गया है भाव से तात्पर्य किसी चीज में लीन हो जाने से है महिलाएं विशेष प्रकार की धुन पर लीन हो जाती है जिसमें सिर हिलाता रहता है

रामनवमी 2023

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