शादी समारोह में कभी यह सुना है कि मण्डप बना नहीं और बारातियों को आमंत्रित कर लिया गया हो और अगर बाराती बिना किसी तैयारी के बीच पहुंच जाए तो क्या नजारा होगा सिर्फ और सिर्फ अफरा तफरी यही कुछ हुआ जिले के तहसील में आयोजित एक दिव्यांग शिविर में ,ज़हां बड़ी तादाद में दिव्यांग भटकते दिखे
कोई जानकारी देने वाला नहीं हर कोई ठीकरा एक दूसरे में मढ़ता और दिव्यागों के मदद के लिए आयोजित शिविर मजाक बनकर रह गया पूरा मामला मंडला जिले के निवास तहसील का है यहां पर दिव्यागों के लिए शिविर का आयोजन किया गया था जिसमें तीन विकासखंड निवास नारायण गंज और बीजाडांडी के साथ निवास नगर परिषद के दिव्यागों को शामिल होना था शिविर को कितनी गंभीरता से लिया गया उसकी झलक स्थल का चयन से झलकता है
जनपद भवन के सामने के बरामदे में टेंट लगाकर कुछ टेबिल लगा दिया गया बाहर से आए दिव्यांग यंहा बड़ी मुश्किल से पहुंचे जो दिव्यांग चल नहीं पा रहे थे उनके लिए ट्रायसाइकिल की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी लोग अपने परिजनों को गोद में या कुर्सी में बैठकर कर्सी सहित दिव्यांग को मौके तक ले जा रहे थे फार्मों की जांच में लगे चंद लोगों के सामने भारी भीड़ से शिविर में लोग परेशान होते रहे
हद तो तब हो गई जब मीडिया से अपनी तकलीफ को बता रहे एक दिव्यांग पर यहां के जनपद उपाध्यक्ष धमकी भरे लहजे में बात करने लगे दरअसल दिव्यांग संघ के अध्यक्ष श्याम सिंह उरैती ने जानकारी दे रहे थे कि दिव्यांग शिविर में हम लोग आए हैं.पर यंहा कोई व्यवस्था नहीं है लोग परिजनो को गोद में लेकर पहुच जा रहे हैं. दिव्यांग श्याम सिंह जेसे ही बांध खत्म किए जनपद उपाध्यक्ष तेज आवाज में दिव्यांग को शिविर का ज्ञान देने लगे मीडिया कर्मी फिर से केमरे में मामले को रिकार्ड करने लगे वैसे ही उपाध्यक्ष वंहा से चलते बने उक्त घटना बता रही हैं कि जनपद में किस तरह का माहौल रहा है मामले में जनपद सीईओ सुश्री दीप्ति यादव ने कहा कि समाजिक न्याय विभाग का आयोजन है इसके अलावा मेरे पास कोई जानकारी नहीं है
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