गौर बांध – इस साल भी नहीं हो सका पूर्ण

बहुउद्देशीय परियोजना गौर जलाशय का निर्माण इस वर्ष भी पूर्ण नहीं हो सका है बीते छः वर्षों से क्षेत्र के लोग इस आस में गुजार दिए कि इस साल तो निर्माण पूर्ण हो जाएगा और इसका पानी खेतों तक जल्द पहुंच जाएगा पर यह सब एक सपना बनकर रह गया है ठेकेदार ने काम छोड़ दिया है जो इंजीनियर थे वो भी स्थानांतरण करा कर चल दिए हैं अब तो स्थिति यह हो गई है कि एक इंजीनियर तीन ब्लाकों के एक दर्जन से अधिक बांधों की देखभाल में लगा है

राजनैतिक इच्छाशक्ति की कमी से क्षेत्र का बेड़ा गर्ग

जिले में सिंचाई सुविधाओं के लिए जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासन तक कितने गंभीर है इसे जानना हो तो यहां के निवास तहसील आ जाइए यंहा मुख्यालय से महज तीन किलोमीटर दूर ही एक बांध का निर्माण बीते छः वर्षों से अधूरा पड़ा है अब इंजीनियर से लेकर ठेकेदार तक भाग चुके हैं ज़हां मंडला जिले के निवास में गौर परियोजना जबलपुर जिले के कुंडम में हिरन नदी और महानदी परियोजना एक साथ शुरू हुई थी दो परियोजना पूर्णतया की ओर है जबकि गौर परियोजना आज भी अधूरी पड़ी है इसमें दोष किसका दो परियोजना इसलिए पूर्ण हो गई क्योंकि वो जबलपुर जिले में थी और गौर परियोजना इसलिए अधूरी है क्योंकि वह आदिवासी जिला मंडला में है या फिर दोनों ही जिलों के जनप्रतिनिधियों और नेताओं की सोच की अंतर की वजह से ऐसा हुआ है अब तो गौर परियोजना से निकलने वाली नहर के लिए खोदे गए गड्ढे लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन चुके है।

गौर बांध - इस साल भी नहीं हो सका पूर्ण

गौर बांध – इस साल भी नहीं हो सका पूर्ण

मध्यप्रदेश में आने समय में विधानसभा चुनाव है क्षेत्र में राजनैतिक दल के लोग और जनप्रतिनिधि नित नए नए वादे किए जा रहे हैं लेकिन किसी भी दल में इतनी कूबत नहीं है कि वह इस महत्वपूर्ण बांध के मुद्दे को उठा सकें हर बार गर्मी आते ही जैसे ही पानी का संकट गहराता है लोगों को बांध की याद आ जाती है फिर भूल जाते है निवास क्षेत्र में यूं तो छोटे छोटे आधा दर्जन बांध बने हैं लेकिन बहुउद्देशीय परियोजना के तहत इससे पहले मझगांव बांध ही बना है

इस बांध के बाद दूसरा बड़ा बांध गौर बांध बनना था गौर जलाशय से ज़हां ऊपरी हिस्से में सिंचाई के लिए पानी और निवास नगर परिषद के लिए पीने का पानी भी उपलब्ध कराना था। फिलहाल अमगांव स्थित नगरार नदी ही निवास के लिए जीवन दायिनी का काम कर रही है।

केंद्रीय मंत्री हो या कांग्रेस के विधायक बीते पांच वर्ष में इस बांध के लिए एक शब्द भी मुंह से नहीं निकाले है निवास ब्लॉक में पानी रोकने के लिए अमृत सरोवर में पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है उतने में यह बांध बनकर तैयार हो जाता बड़ा हिस्सा जो पानी के लिए वर्षों से तरस रहा है वह खुशहाल हो जाता है लेकिन यह सब सोचना मंडला जिले में स्वपन जैसा ही होगा कुछ माह बाद नेता जी आपके व्दार पहुंचेंगे बस एक सवाल दागना मत भूलिएगा गौर बांध का क्या हुआ

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