मंडला जिला के निवास में संचालित आजीविका परियोजना में हो रही राजनीति के खिलाफ आज समूह की सैकड़ों महिलाओं ने जनपद पंचायत में जाकर जमकर नारेबाजी की और एसडीएम कार्यालय में ज्ञापन सौंपा।
Mandla latest news निवास आजीविका परियोजना में पदस्थ विकासखंड प्रबंधक के स्थानांतरण से महिला समूह की महिलाओं ने हंगामा मचा रखा है वर्तमान प्रभारी प्रबंधक पूजा शर्मा की कार्यशैली से नाराज़ महिलाएं एसडीएम कार्यालय पहुंची और ज्ञापन सौंप कर वर्तमान प्रभारी का निवास से स्थानांतरण की मांग की है। महिलाओं का आरोप है कि आजीविका परियोजना में राजनैतिक उठापटक के चलते छः वर्ष से ब्लाक प्रबधक का कार्य करने वाली लक्ष्मी रजक का स्थानांतरण करा दिया गया और 18 साल से एक स्थान में ही पदस्थ पूजा शर्मा को विकासखंड प्रबधक का प्रभार दे दिया गया है।
जनपद में आजीविका परियोजना की महिलाओं ने की नारेबाजी
एसडीएम कार्यालय में ज्ञापन सौंपने के बाद जनपद पंचायत में पहुंची समूह की महिलाओं ने जिम्मेदारों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की महिलाओं का आरोप है कि जनपद के कारण ही यह राजनीति हो रही है।बसंती मरावी का कहना है कि प्रभारी नोडल अधिकारी लक्ष्मी रजक का स्थानांतरण गलत आरोप लगाकर करा दिया गया है दो माह से अधिक समय गुजर गया है अभी तक कोई जांच नहीं हुई है हम जिला से लेकर जनपद तक जाकर बार बार पूछ रहे हैं कि उनका दोष क्या है यह बताए मगर कोई बताने को तेयार नहीं है। उल्टा हम पर राजनीति करने का आरोप लगाया जा रहा है कोई भी महिला वर्तमान प्रभारी के साथ काम नहीं करना चाह रही है।
वहीं कुसमी संकुल अध्यक्ष पार्वती सेन ने आरोप लगाया है कि पांच लाख रुपए लोकाधिकार केंद्र के लिए आए थे बिना अध्यक्ष की अनुमति के संकुल प्रभारी ने भुगतान कर दिया अध्यक्ष को सिर्फ महिलाओ को किए गए भुगतान की जानकारी देती है। सभी चैक और सील वो अपने पास रखती है। महिलाओं ने कहा कि हम लोग फील्ड जाते उसका परिश्रामिक जो मिलता है उसमें सिर्फ हमारा हक है मगर उसमें भी नजर रखी जाती है फील्ड वर्क की मिलने वाली राशी का आधा पैसा ले लिया जाता है। महिलाओं ने चेतावनी देते हुए कहा है कि राजनीति के चलते एक का स्थानांतरण किया गया है या तो दोनों को ब्लॉक पर रखे या पूजा शर्मा का भी स्थानांतरण किया जाए उनके साथ हम काम नहीं करेंगे।
पूरे मामले में आजीविका परियोजना विकासखंड प्रबधक पूजा शर्मा का कहना है कि स्थानांतरण प्रशासनिक स्तर से होता है। ज़हां तक भुगतान का सवाल है तो भुगतान सीएलएफ पदाधिकारी के हस्ताक्षर से होते हैं। पूर्व विकासखंड प्रबधक ने नियम बनाए थे कि बैंक बिना जानकारी के भुगतान न करे वही नियम आज भी जारी है।
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