मध्यप्रदेश के आदिवासी जिला मंडला में भृष्टाचार के मामले आए दिन आते रहते हैं जिला मुख्यालय में तो भृष्टाचार करते की कई लोग लोकायुक्त के दायरे में आए हैं लेकिन आप पहली बार मंडला जिला के निवास में एक बड़ा अधिकारी लोकायुक्त की जाल में फंसा है यहां पर नगर परिषद सीएमओ 50000 की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार हुए हैं जबलपुर लोकायुक्त की टीम ने यहां पर मौजूद एक कर्मचारी संदीप दुबे जिसके हाथ में बोर करने वाली कंपनी के मालिक ने ₹50000 दिए उसके बाद लोकायुक्त की 10 सदस्य टीम ने गिरफ्तार कर लिया वही इस पूरे मामले में महिला इंजीनियर गायब हो गई है नगर परिषद सीएमओ लिपिक के हाथ में राशि देने की बात कही थी बोरवेल करने वाली कंपनी के प्रमुख जगमोहन बताया कि नगर परिषद में उन्होंने तीन बोरवेल की खुदाई की थी जिसके लिए 197000 भुगतान होना था नगर नगर परिषद के सीएमओ लगातार 1 साल से परेशान कर रहे थे उनके द्वारा 100000 की राशि मांगी जा रही थी बाद में 50000 में समझौता हुआ था डीएसपी दिलीप झरबडे ने बताया कि डोरबेल खोदने वाली कंपनी से बिल लेने के बदले अस्सी हजार मांगे गए थे
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