सोमवार को मंडला जेल में पाक्सो एक्ट के आरोप में बंद विचाराधीन कैदी अजीत पटेल की जिला अस्पताल में मौत हो गई। जेल प्रशासन की मानें तो तबीयत बिगड़ने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहीं परिजन ने अजीत की मौत पर सवाल उठाते और न्यायिक जांच की मांग की है।
मृतक डेढ़ साल से अधिक समय से जेल में बंद था। मृतक के पिता जगदीश पटेल ने कलेक्टर को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि उन्हें बेटे के अस्वस्थ होने की जानकारी समय रहते नहीं दी गई।
बहन ने लगाया आरोप जेल अधिकारी ने किया खारिज
मृतक अजीत की बहन अंजली पटेल ने आरोप लगाया कि कुछ दिनों पहले उनसे जेल आकर मिले थे तब वो ठीक था अचानक ऐसा क्या हुआ जिससे उसकी मौत हुई समय रहते उन्हें भाई की बीमारी की सूचना नहीं दी गई। उन्होंने कहा, मेरे भाई की जेल में ही मौत हो गई थी उसकी मौत में पूरा जेल प्रशासन शामिल है। हम निष्पक्ष न्याय चाहते हैं दूसरी तरफ सहायक जेल अधीक्षक वासुदेव मांझी ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा अजीत की तबीय 18 अक्टूबर को बिगड़ी थी तब उसे अस्पताल भेजा गया था, जहां रिपोर्ट सामान्य आई थी और उसका उपचार जारी था।
सोमवार सुबह बेहोश होकर गिरा था उसे 11:30 बजे अस्पताल भेजा गया, जहां शाम लगभग 4 बजे उसकी मृत्यु की सूचना मिली। रात हो जाने के कारण मृतक का पोस्टमार्टम नहीं हो सका था मंगलवार को पोस्टमार्टम किया जावेगा जिला प्रसाशन ने उक्त मामले को गंभीर मानते हुए जांच शुरू कर दिया है।

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