मंडला में बालविवाह और नरवाई जलाने पर प्रशासन हुआ सख्त

मप्र के आदिवासी जिला मंडला के गांवों में बाल विवाह में रोकथाम के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है वहीं दूसरी तरफ नरवाई जलाने वालों पर कार्रवाई जारी है।जंहा बाल विकास विभाग द्वारा सेक्टर स्तरीय, आंगनवाड़ियों पर एवं घर-घर जाकर लोगों को बाल विवाह रोकने हेतु जागरुक किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ सेटेलाइट के माध्यम से फसल अवशेष नरवाई के लिए नजर रखी जा रही है।

महिला बाल विभाग व्दारा विभिन्न गतिविधियां एवं अभियान चलाये जा रहे हैं और लोगों को बाल विवाह न करने हेतु समझाईश दी जा रही है। बाल विवाह की सूचना प्राप्त होते ही सामूहिक विवाह स्थल में वर-वधु के उम्र संबंधी दस्तावेजों का परीक्षण अधिकारी/कर्मचारी के माध्यम से जन्म प्रमाण-पत्र, स्कूल की अंकसूची, आंगनवाड़ी केन्द्र का रिकॉर्ड जांच कर विवाह को रोका जा रहा है। इसके अलावा जन सामान्य को बाल विवाह रोकथाम हेतु शपथ दिलाई जा रही है। साथ ही जनसामान्य से सूचना प्राप्त करने हेतु जिला स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। कंट्रोल रूम कार्यालय वन स्टॉप सेंटर जिला मण्डला दूरभाष 07642-252699, है।

नरवाई जलाने के 2 पर एफआईआर 115 घटनाएं चिन्हित

जिले में सेटेलाईट मॉनिटरिंग सिस्टम के माध्यम से नरवाई (फसल अवशेष) जलाने की घटनाओं पर प्रशासन सख्त कार्यवाही कर रहा है। अब तक जिले में कुल 115  घटनाएं चिन्हित की गई हैं, जिनमें मंडला में 29, नैनपुर में सर्वाधिक 62, बिछिया में 7, नारायणगंज में 9, घुघरी में 3 और निवास में 5 घटनाएं शामिल हैं। प्रशासन द्वारा इन घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए दोषियों के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही की जा रही है।

also read नरवाई जलाने पर जुर्माना

प्राप्त जानकारी के अनुसार एसडीएम मंडला ने नरवाई जलाने के आरोप में 27 लोगों पर अर्थदंड लगाया है। एसडीएम नैनपुर ने 34 लोगों पर जुर्माना लगाया है और 2 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इसके अतिरिक्त, एसडीएम बिछिया ने 52 लोगों पर और एसडीएम निवास ने नारायणगंज में 3 लोगों पर कार्यवाही करते हुए अर्थदंड अधिरोपित किया है। यह कार्रवाई नरवाई जलाने से होने वाले पर्यावरण प्रदूषण और मिट्टी की उर्वरता पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों को रोकने के उद्देश्य से की जा रही है। प्रशासन ने किसानों से अपील की है कि वे नरवाई न जलाएं और पर्यावरण संरक्षण में सहयोग करें।

This website uses cookies.