चचेरी बहन से बलात्कार, आरोपी को बीस वर्ष की सजा

मंडला जिले के निवास अपर सत्र न्यायालय ने एक कलयुगी भाई को बलात्कार के आरोप में दोषी पाते हुए बीस वर्ष की कठोर सजा सुनाई है। मामला बीजाडांडी थाना क्षेत्र के मनेरी चौकी का है।

बीस वर्षीय दिव्यांग बेटी की शारिरिक स्थिति पर शक होने पर मां ने बेटी से पूछताछ की थी उसके बाद जबलपुर के एक अस्पताल में सोनोग्राफी टेस्ट कराया रिपोर्ट आने के बाद परिजनों के पैरों तले जमीन खिसक गई थी क्योंकि रिपोर्ट में चार माह का गर्भ बताया गया था।

मीडिया प्रभारी अभियोजन की जानकारी अनुसार पीड़िता की मां ने सितंबर 2024 में मनेरी चौकी में शिकायत दर्ज कराई कि उसकी बीस वर्षीय बेटी को नहलाते वक्त पेट फूला हुआ दिखा, मां व्दारा पूछने पर पीड़िता ने बताया कि वो दूध लेने बस स्टेंड जा रही थी तब रोककर आरोपी सोनू उर्फ संजय झारिया ने चाकलेट देने के बहाने बुलाया और हाथ पकड़ कर ले गया और मुंह काला किया। पीड़िता के व्दारा इस तरह की बात बताने के बाद एक रिस्तेदार की मदद से जबलपुर रांझी के अस्पताल में जांच कराई गई। जांच रिपोर्ट में गर्भवती होने की पुष्ट हुई थी।

पुलिस ने मामला कायम कर जांच रिपोर्ट न्यायालय में पेश किया। जिस पर न्यायालय ने सुनवाई के दौरान आए साक्ष्यों पर विचार करते हुए शुक्रवार को बीस वर्ष की सजा और दस हजार का अर्थ दंड लगाया है।

सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्रीमती उज्ज्वला उइके ने बताया कि 376 भादंवि में दस वर्ष, 376(2)f में बीस वर्ष की सजा, 376(2) L में बीस वर्ष की सजा , 376(2) J में बीस वर्ष की सजा, धारा 92 दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम में पांच वर्ष की सजा सुनाई है साथ ही सभी धाराओं में दो दो हजार का अर्थ दंड लगाया है।

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